Shodashi - An Overview
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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
अष्टमूर्तिमयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥८॥
Her variety is claimed to become essentially the most stunning in many of the 3 worlds, a elegance that isn't basically Bodily and also embodies the spiritual radiance of supreme consciousness. She is commonly depicted like a resplendent sixteen-12 months-aged girl, symbolizing Everlasting youth and vigor.
उत्तीर्णाख्याभिरुपास्य पाति शुभदे सर्वार्थ-सिद्धि-प्रदे ।
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना more info से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।
या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः
Sati was reborn as Parvati on the mountain king Himavat and his spouse. There was a rival of gods named Tarakasura who may very well be slain only through the son Shiva and Parvati.
Referred to as the goddess of wisdom, Shodashi guides her devotees toward clarity, insight, and better awareness. Chanting her mantra boosts intuition, supporting persons make wise choices and align with their inner truth. This reward nurtures a lifetime of integrity and purpose.
शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।
इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।
Knowing the importance of these classifications allows devotees to pick out the right mantras for their individual spiritual journey, ensuring that their procedures are in harmony with their aspirations plus the divine will.